कहा जाता है कि यह मंदिर पांच मंजिला इमारत है जिसमें गणेश, पार्वती, कार्तिकेय, नंदी और नागचंद्रेश्वर जैसे देवताओं की उपस्थिति है..!!
महाकालेश्वर मंदिर भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, ऐसा माना जाता है कि महाकाल का लिंग स्वयंभू है..!!
सात मुक्ति स्थलों में से एक है महाकालेश्वर मंदिर भी..!!
इस मंदिर में स्थित ज्योतिर्लिंग दक्षिणमुखी स्वयंभू है जो स्वयं प्रकट होता है, जो दूसरों के विपरीत जहां लिंग स्थापित हैं, अपने भीतर शक्ति प्राप्त करता है..!!
तथ्यों के अनुसार विक्रमादित्य के शासनकाल के बाद से कोई नेता, कोई राजा, कोई मंत्री वहां रात में नहीं रुक सकता। पिछले अनुभवों के अनुसार जिसने भी यह दुस्साहस किया, उसका शासन हाथ से निकल गया..!!
भस्म को ब्रह्मांड का सार माना जाता है, इसलिए भगवान इसे हमेशा अपने पास रखते हैं। यहां के नियम के मुताबिक, आरती के दौरान महिलाओं को घूंघट करना पड़ता है। महिलाएं इस आरती को नहीं देख सकतीं। आरती के समय पुजारी भी धोती पहनकर आरती करते हैं..!!
सबसे ऊपरी मंजिल पर नागचंद्रेश्वर का लिंगम है और यह केवल नाग पंचमी पर दर्शन के लिए खोला जाता है। दूसरी मंजिल पर ओंकारेश्वर लिंगम है जो साल भर आगंतुकों के लिए खुला रहता है..!!
शिवपुराण में महाकालेश्वर स्वरूप का उल्लेख तब मिलता है जब उज्जैन को अवंती कहा जाता था..!!
प्राचीन ग्रंथों में भस्म आरती के लिए चिता से एकत्र की गई राख का उल्लेख मिलता है लेकिन वर्तमान समय में भस्म गाय के गोबर से बनाई जाती है..!!
2014 में सुविधा केंद्र और सुरंग निर्माण के लिए मंदिर में गहरी खुदाई की गई तो नर कंकाल मिले। कहा जाता है कि कब्रें मंदिर परिसर में ही स्थित हैं..!!